How to manufacture cricket bats?

 क्रिकेट मैच :


क्रिकेट के बारे में तो फिलहाल सब को पता ही  होगा , क्रिकेट आज का सबसे प्रसिद्ध खेल बन चुका है ,  आज का ही नहीं बल्कि बहुत पहले से ही क्रिकेट ने प्रसिद्धि हासिल की हुई है | 

क्रिकेट का इतिहास तो बहुत ही बड़ा है , इसके बारे में अगर कुछ बताया जाय या बताने की कोशिस की जाय , तो भी उसका बिबरण नहीं दिया जा सकता है | आज की यह  नई जनरेशन शायद ही क्रिकेट का इतिहास जानती होगी , क्युकि आज की जो गेम है क्रिकेट की , वह पहले की गेम से बहुत ही भिन्न है | 



पहले की क्रिकेट गेम में जो बैट थे , वो आज के बैट से बहुत ही अलग थे , उनका आकर और उनकी बनावट बहुत ही अलग थी | उन बैट्स में जो लक्कड़ प्रयोग की जाती थी , वैसी लक्कड़ का मिलना तो आज बहुत ही मुश्किल है , पहले के बैट्स अगर कश्मीरी लक्कड़ के भी बना दिए जाते थे , तो वो आज के इंग्लिश लक्कड़ से बने बैट्स से भी ज्यादा दिनों तक चल जाते थे , और उनका स्टॉक भी आज के इंग्लिश बैट्स की तुलना में ज्यादा था | 

यह बात सच है की उस टाइम इतना फैसिलिटी नहीं थी , जितना आज हो गई है , उस टाइम अगर कोई क्रिकेट में अपना करियर बनाने की सोच रहा होता था , तो आप ही सोचो की तब जब फैसिलिटी के नाम पर कुछ भी नहीं था , कैसे एक आम आदमी या किसी ऐसे घर से निकला हुआ व्यक्ति जिनके पास ठीक से खाने के पैसे नहीं होते थे , वह कैसे क्रिकेट गेम में अपना करियर  बनाने की सोच  रहा था , पर फिर भी वह आम आदमी ऐसे हालत में घर  से निकला और क्रिकेट खेलने की ठानी , और क्रिकेट में अपना नाम किया | 


इस बात से आपको ये जानकारी तो हो ही गई होगी की आज के जो हालत है क्रिकेट गेम में किसी भी आम आदमी को अपना करियर बनाने में  कितनी सरलता हो गई है | आज हर एक गली में क्रिकेट को जानने वाला और समझने वाला बैठा है Jo आपको क्रिकेट के बारे में सब कुछ बता सकता है , की आप क्रिकेट जगत में कैसे अपना करियर बना सकते हो , कैसे आपको  प्रैक्टिस करना है , आपको कैसे सुरुवात करनी है | 

मतलब की अब अगर किसी को भी क्रिकेट में अपना करियर बनाना है तो उसको बताने वाले हर गली नुक्कड़ में मिल जाएगे | आज तो बहुत सारी अकेडेमिया खुली हुई है जिसमे कोई भी आम बच्चा जाकर अपना एडमिशन ले सकता है और क्रिकेट में अपना करियर बना सकता है | 


क्रिकेट बैट के प्रकार :


जैसा की अपने ऊपर देखा होगा की हमने आपको बताया है की बैट की लक्कड़ में भिन्नता होती है | 

बैट तो ज्यादातर लक्कड़ का ही बनाया जाता है , क्यूकि आजकल प्लास्टिक बैट भी मार्किट में आ गए है और उनका प्रयोग भी ज्यादा होने लगा है , उनमे में अलग - अलग किस्म जैसे की प्लास्टिक की क्वालिटी पर निर्भर करता हैं की प्लास्टिक किस ग्रेड की है | प्लास्टिक में अच्छे बैट प्रथम ग्रेड के होते है , अतः उनकी दूरबिलिटी ( ज्यादा समय तक चलने की क्षमता ) अच्छी होती है | 

लक्कड़ में बैट मुख्यतः कश्मीरी लक्कड़ का बनाया जाता है , कश्मीरी लक्कड़ का मतलब की ऐसी लक्कड़ जिसका उत्पादन कश्मीर में किया जाता है , 

कश्मीर की ही लक्कड़ क्यों ? 


ऐसा इसलिए क्यूकि वहां  पर जो लक्कड़ होती है उसमे मॉस्चर ( लक्कड़ में नमी का अच्छा प्रतिशत होना ) अच्छा होता है , जिससे उसमे स्टॉक ( पंच ) अच्छा होता है , और नमी होने की वजह से लक्कड़ सूखी नहीं होती है जिससे बॉल की स्पीड से बैट  पर फर्क नहीं पड़ता , ( यानि की बैट जल्दी नहीं टूटता ) |


आपको यह भी जानकारी होगी की कश्मीर लक्कड़ के अलावा और भी लक्कड़ से बैट बनाये जाते है जैसे की इंग्लिश विलो ( इंग्लैंड की लक्कड़) , और पॉपुलर लक्कड़ |


इंग्लिश विलो ( इंग्लैंड की लक्कड़ ) :


इंग्लिश विलो से बनाये गए बैट की क्वालिटी कश्मीर विलो से बनाये गए बैट से अच्छी होती है , ऐसा इसलिए क्यूकि जो क्वालिटी कश्मीर विलो की होती है , जैसा उसमे मॉस्चर पाया जाता है उससे कही ज्यादा मॉस्चर इंग्लिश विलो में होती है और ये कश्मीर  विलो से बने बैट की तुलना में ज्यादा चलते है , इनमे ग्रेन्स ( लक्कड़ जितनी पुरानी होती है उसमे एक प्रकार की लाइन नैचुरली आ जाती है , उससे यह जानकारी मिलती है की लकड़ी कितनी पुरानी है , और जितनी ज्यादा लाइन्स होती है , लक्कड़ उतनी ही ज्यादा पुरानी होती है ) ज्यादा होती है कश्मीर विलो की तुलना में | 


पॉपुलर लक्कड़ :


पॉपुलर के बारे में तो लगभग सबको पता होगा , ये लक्कड़ तो हमारे लगभग सभी राज्यों में पायी जाती है , कुछ  बिशेष राज्यों में इसका उत्पादन अधिक किया जाता है | 


इससे यह जानकारी मिलती है की बैट आसानी से पॉपुलर लक्कड़ से तो बन जाते है , इसमें बस लक्कड़ को काट कर बैट का आकार दे दिया जाता है | 

कश्मीर विलो  से बनाये गए बैट प्रॉपर साइज और प्रॉपर शेप में तैयार किये जाते है , तथा उनकी हैंडल की क्वालिटी भी अच्छी होती है , यानि की हैंडल बॉस का लगा होता है जिससे उसमे लचक होती है , और बैट तैयार होने के बाद में उनकी प्रेसिंग होती है , ऐसा इसलिए की उनका स्टॉक अच्छा रहे | 

इंग्लिश विलो के बैट बनाने का भी तरीका वैसा ही होता है जैसा की आपने अभी कश्मीर विलो के बारे में जाना | इसमें भी हैंडल की क्वालिटी बॉस की होती है , और इनमे प्रेसिंग कश्मीर विलो से ज्यादा की जाती है , ताकि इनकी स्ट्रेंथ ज्यादा हो | 


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