क्रिकेट बैट के हैंडल लकड़ी से बनाये जाते हैं,और यह लकड़ी किसी भी प्रकार की हो सकती है| हैंडल बनाने की जो प्रक्रिया है, वह कोई भी व्यक्ति कर सकता है| इसमें एक साधारण सी लकड़ी होती है, जिसको एक प्रमुख आकार दिया जाता है, जैसे की आप सब ने बैट देखा होगा तथा उसकी हैंडल कैसी होती है इसकी भी जानकारी आप सब को होगी| सामान्य तौर पर बैट का जो हैंडल होता है वह गोल होता है ताकि बल्लेबाज़ की बैट पर अच्छी पकड़ बन सके|
बैट हैंडल बनाने की प्रक्रिया :
जब बात बैट हैंडल बनाने की होती है तो इसमें बनाने वाला एक लड़की का टुकड़ा लेता है, वह टुकड़ा कम से कम दो फिट का होता है| अब वह इस साधारण से लकड़ी के टुकड़े को एक रंदे ( एक तरह का उपकरण ) की मदद से उसकी छिलाई करता है, उसको एक गोल आकार देता है, तथा वह आकार ऊपर से नीचे की ओर क्रमशः पतले से हल्के मोटे आकार का हो जाता है, तथा यह प्रक्रम पूरा होने के बाद वह हैंडल के सबसे ऊपरी भाग में काम करता है, जिसमे वह उसको गोल आकार देता है| इस प्रकार एक साधारण हैंडल बनकर तैयार हो जाता है| इस सारे प्रक्रम में बनाने वाला इस बात पर बिशेष ध्यान देता है की उस हैंडल वाले लकड़ी के भाग में कही भी अतिरिक्त लकड़ी के छिलके या कोई ऐसी गांठ या खड्डा ना रहे जिससे बैट्समैन को पकड़ने में परेशानी हो|
क्रिकेट बैट हैंडल बनाते समय इस बात पर बिशेष ध्यान दे :
जब हैंडल बनकर तैयार हो जाता है तो बनाने वाले को इस बात पर बिशेष ध्यान देना होता है कि जिस हिस्से को पकड़ कर बल्लेबाज़ बैटिंग करता है, उस हिस्से को समतल बनाना होता है, क्यूकि आगे और जो हिस्सा बचा रह जाता है उसको गोल आकार नहीं देना होता है, उसका आकार गोल से हटकर कुछ शंकु के आकार का बनाना होता है, ऐसा इसलिए किया जाता है क्यूकी वह शंकु के आकार जैसा भाग बैट के अंदर होता है, इस तरह से एक साधारण हैंडल तैयार होता है|
क्रिकेट बैट हैंडल के प्रकार :
आपको यह भी जानकर हैरानी होगी की हैंडल भी अलग अलग तरीके के होते है, यह केवल इस बात पर निर्भर होता है कि क्रिकेट खेलने के लिए कौन से गेंद का उपयोग किया जा रहा है
क्रिकेट बैट हैंडल का गेंद के आधार पर खेलो में अहम भूमिका :
आइए हम जानते है कि गेंद खेलने के उद्देश्य से क्रिकेट बैट हैंडल के कितने प्रकार हो सकते हैं ?
वजन में हल्की टेनिस गेंद खेलने के लिए प्रयुक्त हैंडल :
टेनिस गेंद से खेलने के लिए प्रयुक्त हैंडल बिल्कुल ही साधारण होता है यानि की उस हैंडल की लकड़ी कैसी भी हो सकती है, ये ऐसे क्रिकेट बैट में प्रयोग की जाती है, जो बिल्कुल साधारण बैट होते हैं, ऐसे बैट प्रायः छोटे आकार और कम उम्र के बच्चों के लिए तैयार किया जाता है| इस प्रकार के बैट ज्यादातर गली और मोहल्लो में खेलने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं| ऐसा इसलिए होता है क्यूकी जो टेनिस बॉल होती है, वह वजन में हल्की होती है और बैट से बहुत जोर से हिट करने की जरुरत नहीं पड़ती, क्युकी अगर बॉल भारी होगी, और बल्लेबाज़ गेंद को ज्यादा जोर से हिट करेगा, यानि मारने का प्रयास करेगा तो उस हालात में बैट के हैंडल में क्रैक आ सकता है या हैंडल टूट सकता है, इसलिए इस बात का बिशेष ध्यान रखा जाता है की बैट में हैंडल किस लकड़ी से बनाया और फिट किया गया है|
वजन में भारी टेनिस गेंद खेलने के लिए प्रयुक्त बैट के हैंडल :
गेंद जब वजन में भारी होती है तो उसको हिट करने के लिए बैट से अधिक ताकत लगानी पड़ती है, ऐसा न करने से गेंद ज्यादा दूर तक नहीं जायगी और बल्लेबाज़ अधिक रन नहीं बना सकता है|
जब बात हैंडल की आती है तो यह जरूर ध्यान रखना होता है की अगर बॉल का वजन भारी होगा, और बल्लेबाज़ को बॉल को हिट करने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ेगा, तो ऐसे में बैट का हैंडल अच्छी लकड़ी का होना चाहिए, इस प्रक्रिया में बैट के हैंडल में जो लकड़ी प्रयोग में लायी जाती है, वह तो साधारण होती है, परन्तु सिर्फ साधारण लकड़ी से ही हैंडल बना देने पर वह क्रैक हो सकता है, क्यूकी जब बल्लेबाज़ हिट करने के लिए ज्यादा ताकत लगाता है, और गेंदबाज़ गेंद को रफ़्तार में फेकता है, तो ऐसे में बैट के हैंडल में लचक का होना बहुत ही जरुरी है, और यह लचक सिर्फ और सिर्फ बांस की लकड़ी में होता है|
तो बनाने वाला इस बात पर बिशेष ध्यान रखता है की इस प्रकार के हैंडल में बांस के लकड़ी का भी उपयोग करता है, तो इस प्रकार आधे हैंडल में साधारण लकड़ी और आधे में बांस की लकड़ी का प्रयोग करता है, लकड़ी को आपस में चिपकाने के लिए एक तरह की रबर का प्रयोग किया जाता है, इस प्रकार के बने हैंडल को हाफ केन (आधे बांस का हैंडल ) बोला जाता है
लेदर बॉल से ( चमड़े से बनी बॉल ) खेलने के लिए प्रयुक्त क्रिकेट बैट हैंडल :
ऐसे हैंडल में ज्यादातर बांस की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है, ताकि उसमे अच्छी लचक आ सके | जैसे की आपको पता होगा की जो बैट लेदर बॉल से खेलने के लिए बनाये जाते है उनकी बैट की लकड़ी, और बैट के हैंडल की लकड़ी दोनों ही अलग-अलग तरीके से होती है, ऐसा इसलिए होता है क्यूकी लेदर बॉल वजन में भारी होती है, और गेंदबाज़ जब बॉल को बैट्समैन को हिट करने के लिए फेंकता है तो उसकी रफ़्तार भी ज्यादा होती है, ऐसे में अगर सामान्य लकड़ी के बैट बना दिए जाएं, और उस बैट को लेदर बॉल से खेलने के लिए बोला जाए, तो इस हालात में बैट फट जाएगा, और उसकी हैंडल भी टूट सकती है, क्यूकी उसमे लचक नहीं होगी|
लचक तब होती है जब बैट का हैंडल फुल केन ( पूरे बांस का हैंडल ) का होता है, और बैट की लकड़ी विलो की होती है, ऐसे बैट साधारण लकड़ी से नहीं बनाये जाते है, इस प्रकार के हैंडल में बांस की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है तथा इनमे भी अलग - अलग आकार से हैंडल तैयार किये जाते हैं|
१. गोल हैंडल :
इस प्रकार के हैंडल में जो बांस की लकड़ी प्रयोग की जाती है वह एक साधारण सा बांस का टुकड़ा होता है, जिसको बनाने वाला एक बेलनाकार आकार देता है, और बांस की लकड़ी को दो परतों में अलग - अलग फाड़ कर उनको आपस में एक या दो रबर की सहायता से जोड़ दिया जाता है, जोड़ने में एक बिशेष प्रकार का तरल पदार्थ उपयोग किया जाता है जिसको रबर पर लेप बनाकर आपस में टुकड़ो को चिपका दिया जाता है, और हैंडल का शीर्ष गोलाकार आकार में तैयार किया जाता है तत्पश्चात उस पर धागा लपेटा जाता है ताकि हैंडल अच्छे से चिपक सके और ग्रिप्पिंग अच्छी हो सके|
२. चपटी हैंडल :
इस प्रकार के हैंडल में भी बांस की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है, इनमे बांस की क्वालिटी भी अलग - अलग होती है, इनमे भी बांस के टुकड़े आपस में जोड़े जाते है, परन्तु इसमें २ या २ से अधिक टुकड़े जोड़े जाते है और इनके बीच जो रबर प्रयोग की जाती है वह भी कम से कम ३ होती है, इस प्रकार इन बैट के हैंडल में बहुत ही अच्छी लचक होती है, और इस तरह से बनाये गए हैंडल लम्बे समय तक चलते है|
जैसा की आप सब ने देखा की क्रिकेट बैट के हैंडल किस लकड़ी से और किस तरह बनाये जाते है और उनकी क्रिकेट बैटो में क्या एहमियत होती है, इस प्रकार सभी क्रिकेट बैट हैंडल अलग - अलग लकड़ियों से बनाये जाते है और उनकी क्रिकेट बैटो में एक अहम भूमिका होती है|